पुस्तक `संचेतना काव्य मंजूषा` का लोकार्पित,साहित्यकारों को अटलश्री सम्मान भेंट

इन्दौर(म.प्र.)l राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की नवीन पुस्तक `संचेतना काव्य मंजूषा` का लोकार्पण एवं अटलश्री काव्य साहित्य सम्मान समारोह आयोजित किया गयाl अध्यक्षता हरेराम वाजपेयी ने की,जबकि विशेष अतिथि डाॅ. चित्रा…

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तुझको कोटि नमन उन्नीस

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मिला बहुत खोया तनिक, प्यारा वर्ष उनीस। करो पूर्ण हर कामना, सादर स्वागत बीस॥ तीन सौ सत्तर का कलंक तूने माथे से धोया था। काश्मीर…

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अभिनंदन नव वर्ष का

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** नए वर्ष की प्रथम किरण का अभिनन्दन है, जिसको पाकर धरा धन्य कण-कण चन्दन है। पूर्व दिशा से ढुलक पड़ा है ज्योतिर्मय घट, छुपी हुई…

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नववर्ष

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* वर्ष पुराना हो गया,आने को नववर्ष। स्वागत को तैयार है,सबका हो उत्कर्षll सबका हो उत्कर्ष,होवे नयाअफसाना। भूल पुराने गीत,गाय सब नया तरानाll कहत नवल कविराय,सभी…

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रूहानी रिश्ता

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* एक अजीब-सा रिश्ता है हमारा, खून का नहीं दिल का। कोई नहीं हो मेरे फिर भी, अपने से लगते हो। निश्चित पूर्वजन्म का, कोई सम्बन्ध…

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नए वर्ष के नए संकल्प

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** लो आ गया नूतन वर्ष,दिल से करें सभी दो हज़ार बीस का अभिनन्दन। ठिठुरती ठंड में गरीबों को कम्बल बांटते समाजसेवी नेताओं की सोशल मीडिया पर…

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करें गाँव की सैर-बहारें

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… (रचनाशिल्प:१६/१४-पदांत २२२) आई गर्मी की छुट्टी है, चलो मनाएं मस्ती में। दूर कहीं जा कर सागर में,…

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१९-२० का अंतर

डॉ.पूर्णिमा मंडलोई इंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** अब चलता हूँ मैं, मेरा साथ बस यहीं तक था अब मैं बूढा़ हो चला हूँ, थोड़ा थक गया हूँl अब तुम आकर, सब-कुछ सम्भालना सबको…

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ओ दिन…

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… आज भी ओ(वो)दिन जब याद आता है,तो मन मगन हो जाता है। कड़ाके की ठंड में हम ठिठुर-ठिठुर कर…

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लाओ माँ कुछ दाने दे दो

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** माँ ये चिड़िया रोज भोर में, आकर मुझे जगाती है। बैठ हमारी छत पर निशिदिन, मधुरिम गीत सुनाती हैll कभी बुलाकर संगी-साथी, कलरव यह कर…

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