अपनों से मिलन
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ मिलवाना था अपनों से, तभी तो हमें-तुम्हें इस संसार में लाया है। किये होंगे पूर्व जन्म में कुछ अच्छे कर्म हमने, तभी तो आप जैसे, यार से मिलवाया है॥ अब तो दिल-दिमाग पर, बस तेरा ही नाम रहता है। सुबह तेरे से शुरू होकर, रात तेरे पर खत्म होती है। अब … Read more