आत्मजा

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* आत्मजा खंडकाव्य अध्याय-१७.............. देख पिता को इतना चिन्तित, पुन: प्रभाती ने मुँह खोला क्यों हो बैठे मौन पिताश्री, क्या मैंने कुछ अनुचित बोला। तूने नहीं किया…

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रुकती ग़म की…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** रुकती ग़म की कभी न धारा है, इस नदी का नहीं किनारा है। धन की खातिर ज़मीर को बेचूँ, यह तो बिल्कुल नहीं गँवारा…

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क्यों बदल जाता है आदमी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* ऐ नर ये तेरी हिमाकत है, तू जो चाहे सो करता है डर नहीं है अपनी करनी का, बेमौत तभी तो मरता है। तू…

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रोशनी के हमसफ़र

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************  हम खजाना छोड़ दें,पर क्या ज़माना छोड़ दें, ज़ुल्म से डर कर कहो क्या हक़ जताना छोड़ दें। कोई हक़ मांगे ही…

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ये फलती क्यों है..

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** भागती-दौड़ती सी ये साँसें आज थमती क्यों हैं, यहाँ दिसम्बर आकर एकदम से जमती क्यों हैl ये लरज़िशी बदन की....बेखौफ़-सी एक मांग, नज़दीकी में...चादर एकदम से…

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आप बताएं-आप क्या करते…?

डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना.......... `दिशा` ने पूछा-आप बताएं - आपके घर कोई जबरदस्ती घुस आए, आपको कैसा लगेगा ? आप बताएं...l बिना मर्जी के आपके शयन…

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खुद को जलना है

दिप्तेश तिवारी दिप रेवा (मध्यप्रदेश) **************************************************** सारी उम्र बाती का लड़ना रहा उजियारे से, सायद डरती थी वो पागल उस अंधियारे से। मैंने कहा-तू तो सूरज का अभिमानी टीका है, अग्नि…

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गली-गली में दुशासन घूमे

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* आज पुनः इस दानवता से, मानवता अकुलाई है। गली-गली दुशासन फैले, द्रोपदियाँ घबराई हैं॥ अर्जुन भी है जगह-जगह, पर विमुख हुए कर्त्तव्यों से। नहीं भान है…

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अब और नहीं…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** अब और नहीं अब और नहीं, ये देश नहीं सह पायेगा। हो दुष्टों काे फाँसी सरेआम जनमानस ये लटकायेगा। अब और निर्भया काण्ड नहीं, बेटियों…

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धर्म और मानवता

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* यदि एक, दूसरे से कोई पूछता है- बताओ तुम्हारा धर्म क्या है ? तो वह बिंदास बोलते हैं कि, हिन्दू हूँ, मुसलमान…

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