हे ! माँ मुझको गर्भ में ले ले…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना............ हे! माँ मुझको गर्भ में ले ले, बाहर मुझको डर लागे। देह-लुटेरे,देह के दुश्मन, मुझको अब जन-जन लागेll अधपक…

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मान बढ़ाए हिंदुस्तानी नारी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** हिंदुस्तान की नारी है, वो हिंदुस्तान की नारी। वो टूटी,थकी,न हारी है, न ही बनी बेचारी, न ही बनी बेचारी... वो हिंदुस्तान की नारी॥…

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गिद्धों को मानव क्यूँ बनाया

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना........... उस मानव पर मुझे घिन आती है, जो नारी पर गलत निगाह डालता है। अकेले बात करने की क्या औकात नहीं,…

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सुंदरता

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* सुंदरता तो मन की सुंदरता है, तन की सुंदरता क्या सुंदरता है। सुंदरता के भ्रमजाल में फँस कर, क्यों जीवन की खोता सुंदरता है। मन…

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मर्यादा

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* मर्यादा के मायने बदल गए, गैरों के क्या,अपनों के रास्ते बदल गए। पकड़ के ऊँगली चलना जिन्हें सिखाया, सीख के चलना,चाल बदल गएll…

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बाल साहित्य लेखन एवं चुनौतियाँ

राजकुमार जैन ‘राजन’ आकोला (राजस्थान) ****************************************************** बालक किसी भी देश,समाज,संस्कृति का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव जाति की पूंजी होता है। बच्चों में हमारा भविष्य दिखाई देता है। वे कल की…

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जन्नत और हूर

मौसमी चंद्रा पटना(बिहार) ************************************************************************ सुना है आजकल जन्नत में, रोज ही हूरों का आना लगा है ये नई आने वाली हूरें भी अजीब-सी हैं, कुछ के सिर्फ एक हाथ है,…

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मेरे पापा

रेणु झा ‘रेणुका’ राँची(झारखंड) ******************************************************************* पापा मैं आप-सी बनना चाहती हूँ, सबका भार उठाए पीड़ा अंदर दबाए, चेहरे पर मुस्कान सजाए सबकी इच्छा पूरी करते, खुद के लिए कहां सोचते…

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देश जाग चुका

पुष्कर कुमार ‘भारती’ अररिया (बिहार) ********************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना........... सदियों से सोया था देश मेरा आज फिर से जाग चुका है, कलंक लगा था जो माथे पे एक पल में…

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जल ही जीवन

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** जल है तो ही कल है, जल से जीवन उज्जवल है। जल से जीवन का अस्तित्व, जल से ही संसार सकल है॥ जल से ही सब…

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