झड़ी लगी ज्यों सावन की

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** पावन सावन-मन का आंगन... नीर नयन से बहते मेरे, झड़ी लगी ज्यों सावन की।ऐसा लगता है प्रिय मुझको, बीते घड़ी सुहावन की॥ प्रियतम अब तो आ भी…

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सावन की फुहार

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* नित जीवन में छाई बहार आई सावन की फुहार,रिमझिम-रिमझिम बूंदों के संग आई सावन की फुहार। पहली बारिश की फुहार से खिल उठा घर आँगन,छम-छम करती…

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मुकदमों के बोझ से जटिल होता जीवन

ललित गर्गदिल्ली************************************** लोकतंत्र के ४ स्तंभों में से १ न्याय पालिका इन दिनों काफी दबाव में है। उस पर मुकदमों का अंबार लगा हुआ है। देश के सर्वोच्च न्यायालय से…

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हो जाए पुलकित तन-मन

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** पावन सावन, मन का आँगन... उर सागर से लेकर जल,नैना जो बरसाए सावनहो जाए पुलकित तन-मन,भीग जाए मन का आँगन। हे मही, तू क्यों इतराया,जब जग में…

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दिल को भिगा रहे

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:काफिया- भिगा, गिरा, सता, बना, निभा, दिखा इत्यादि; रदीफ़-रहे, २२१ २१२१ २२२१ २१२ बरसात, बनके मिल गए, दिल को भिगा रहे।उनके खयाल, आँख से बूंदें…

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सोच उत्तम रहे

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** धैर्य, संयम और परिश्रम से,सुन्दर सोच का आगाज़ होउन्नति और प्रगति पथ पर,आगे बढ़ने के लिएइस रस्म को लेकर,न कहीं विवाद हो। उत्तम सोच हमें बड़ा बनाती है,अपने मुकाम…

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सखी रे, सावन पावन लागे

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** पावन सावन-मन का आँगन... सूखे ताल-तलैया भर गए,पशु-पक्षी प्यासे थे, तर गएरिमझिम-रिमझिम बरसे बदरा,मन चातक हरसावन लागेसखी रे, सावन पावन लागे। धरती नव-यौवन को पाई,हरी चुनरिया…

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गीत-ग़ज़ल से अधिक कठिन कार्य है सार्थक कविता लिखना

पटना (बिहार)। नरेश सक्सेना, निराला , सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, केदारनाथ सिंह जैसे कवियों की कविताओं को पढ़कर मुक्तछंद की कविता लिखने का प्रयास करना चाहिए। नए और पुराने कवियों के…

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गोष्ठी में बांधा हरियाली रचनाओं से समां

इंदौर (मप्र)। विचार प्रवाह साहित्य मंच द्वारा शनिवार शाम को संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें रचनाकारों ने सावन और हरियाली पर गीतों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया।वरिष्ठ लेखिका श्रीमती…

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सच्चे ये भोला, अच्छे ये भोला

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** सबके ये भोला, सचमुच में भोला हैं,शिव शंकर भोला हैं, ये कण-कण में भोला हैं। कंकर के भोला हैं, पत्थर में भोला हैं,गंगा के भोला…

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