नई कोपलें…

एम.एल. नत्थानीरायपुर(छत्तीसगढ़)*************************************** जब बच्चों की आँखों में,पिता झलक सी पाता हैतब उसके जीवन में भी,नया बसंत मुसकराता है। सहकर सृजन की वेदना,माँ का दिल चैन पाता हैतब उसके आँचल में…

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नए दिन की शुरुआत

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* रोज सांझ होता सूर्य अस्त,अपनी ही धुन में मस्तपूरा लाल कभी टमाटरी,कभी पीला,कभी सतरंगीपूरा गोल,कभी बादलों की ओट,कभी दिखते ही पलक झपकाविलीन हो जाता क्षितिज…

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आएगी याद

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)***************************************** बाबुल कीदेहरी पार होते,पलकों की कोरों परथमे आँसू को,देख रही तुलसीक्यारी से झांक कर। आम,इमली के पेड़जिनसे बंधे झूले सावन में,खुल जाते थे कभीझूलने के लिए। वो…

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मैं जायदाद क्यूँ…?

ज्ञानवती सक्सैना ‘ज्ञान’जयपुर (राजस्थान) ******************************************** नारी और जीवन (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस)…. हम नदी के दो किनारे हैं,जब चलना साथ हैतो इतना आघात क्यूँ,तुम तुम हो तोमैं मैं क्यूँ नहीं,मैं धरा…

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मैं ही गीता,मैं ही गंगा

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* सुनो सुनाती हूँ नारी का पवित्र,जीवन और कहानी,देव लोक से चली आ रही है,यह बात है बहुत पुरानी। नारी हूँ,अन्तर्मन में त्याग तपस्या संस्कारों से भरी…

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शुर्पणखा प्रसंग

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** कौन ये बैठा शिला पर,रातभर है जागता,देखता है शून्य में वो,चाँद-तारे ताकता।हाथ में लेकर धनुष वो,लग रहा है वीर-सा,भाव मुखड़े पर लिए यूँ,संत कोई धीर-सा॥…

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अलबेला यंत्र

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* होते जो भी सुखद-दुखद पल,सबका चित्रण करता,जीवन के बीते लम्हों को अंक में निज के भरता।जिसका प्रियवर नाम कैमरा,वह इक यंत्र है न्यारा-तस्वीरों में विगत…

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एकलव्य बन के देख

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* तू एकलव्य बन के देख,लक्ष्य पर संधान करके देखदिखेगा फिर ना आसमां,छूटेगी फिर ना ज़मींदिल के समंदर में इंकलाब ला के देख। कोई कह रहा,ना सुन,अपनी धुन…

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थाली में चंदन रखे

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** थाली में चंदन रखे,तिलक लगाते भाल।बहनों का यह प्यार है,देखो भारत लाल॥देखो भारत लाल,देशहित सेवा करना।बहन न जाना भूल,नयी दुनिया पग धरना॥कहे 'विनायक राज',रक्ष करना…

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ॐ नमः शिवाय

संजय जैन ‘बीना’मुंबई(महाराष्ट्र)******************************************* शिव हैं सबके कर्ता-धर्ता,शिव ही है भक्तों के वरदानकर्तातभी तो पाते सुख शांति हम सब,शिव के बिना जग है सूना-सूनाइसलिए हर कोई कहता,सुबह शाम ॐ नम: शिवाय।…

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