हिन्दी है जन-जन की भाषा

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** महात्मा गांधी ने कहा था "हृदय की कोई भाषा नहीं है। हृदय से हृदय बातचीत करता है,और हिंदी ह्रदय की भाषा है।" हिन्दी ही भारत की…

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धरा-चालीसा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दोहा- धरा धर्म हित कर्म कर,जीवन मनुज सुधार। संरक्षण भू का किए,भव जीवन आधारll चौपाई- प्रथम नमन करता हे गजमुख। वीणापाणी शारद मम सुखll गुरु पद…

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दोहा छंद विधान

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* आओ दोहा सीख लें,शारद माँ चितलाय। सीख छंद दोहा रचें,श्रेष्ठ सृजन हो जायll ग्यारह तेरह मात्रिका,दो चरणों में आय। चार चरण का छंद है,दोहा सुघड़ कहायll…

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सतगुरु नमन

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* शिक्षक दिवस विशेष........... जिसने मेरे तन-मन में, ज्ञान का दीप जलाया है। वशिष्ठ-सा बन के गुरु, मुझे राम-सा शिष्य बनाया है। उनकी कृपा से पाया…

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अध्यापक,शिक्षक और गुरु

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** प्रायः अध्यापकों को यह शिकायत करते हुए सुनता हूँ कि छात्रों का उनके प्रति प्राचीन काल की भाँति सम्मान का भाव नहीं रहा। छात्र…

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जरूरी है

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** मुकम्मल नहीं होती सबको खुशियाँ इसलिए दुखी रहना भी जरूरी है, दिन के उजाले के साथ-साथ... निशा का अंधकार भी जरूरी है। घमंड ज्यादा हो तो…

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धरती

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (विशेष चिन्ह '.....' से प्रदर्शित शब्द धरती के पर्यायवाची हैं।) धारण करती है सदा,जल थल का संसार। जननी जैसे पालती,धरती जीवन धारll भूमि उर्वरा देश की,उपजे…

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सकारात्मक चिंतन और रचनात्मक व्यवहार

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* जीवन में सकारात्मक चिंतन और रचनात्मक व्यवहार से बड़ी से बड़ी विपरीत परिस्थितियों पर भी काबू पाया जा सकता हैl सकारात्मक चिंतन हमारी दुविधाओं…

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सूना रहता सारा थल

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* कितने वृक्ष लगाये जाते हैं प्रतिपल, फिर भी हरियाली को रहती है हलचल। फाइलों में वृक्षों के आँकड़े बढ़ते जाते- फिर भी वृक्षों से सुना…

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कैसे हो बरसात शह्र में…

बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’ अहमदाबाद (गुजरात) ********************************************************************* है धुंध-धुंआ-गर्द की सौगात शह्र में। कितने बुरे हैं देखिये हालात शह्र में। क्यों खून से हैं लथपथ अखबार आजकल, क्या मर गये हैं…

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